Friday, 22 May 2015

1984 old people and 2014 modern people..............

Modern world vs old world the real truth amazing funny picture to show you the values comparison between 1984 old people and 2014 modern people.

Wednesday, 20 May 2015

Indian Flag............



  1. In the national flag of India the top band is of Saffron colour, indicating the strength and courage of the country. The white middle band indicates peace and truth with Dharma Chakra. The last band is green in colour shows the fertility, growth and auspiciousness of the land.

Ton!Ton!Ton!...............

Maths Teacher Was Teaching
Mathematical Conversions
Teacher-If
1000 Kgs= Ton.
Then
For 3000 Kgs
=How Much?
Santa-
Ton!Ton!Ton!

संतो- आज तक कोई मेरी सही उम्र बता ही ...

संतो- आज तक कोई मेरी सही उम्र बता ही नहीं पाया, कोई 18 कहता है तो कोई 22। बंतो- अगर गलती से तूने किसी को बता दिया तो? संतो- मैं इतनी बेवकूफ लगती हूं क्या? जिस राज को मैं चालीस सालों से छुपा रही हूं, उसे इतनी आसानी से बता दूंगी। - 

संता का पड़ोसी मर गया...........

संता का पड़ोसी मर गया। वह उसके घर गया और पूछा- बॉडी आ गई क्या? तभी ऐम्बुलेंस गई। संता- लो बताओ कितनी लंबी उमर है। -

Tuesday, 19 May 2015

uspe paint kar dete hain..............

Santa:yar aeroplane itna bada hota hai to usse paint kaise karte hain?
Banta:aeroplan e jab udte hue CHOTA sa dikhta hai to phata phat uspe paint kar dete hain.

Kyunki is Cement mein jaan hai.............

Banta: Marte waqt aadmi ko kya dena chahiye?
Santa: Birla cement.
Banta: Kyun?
Santa: Kyunki is Cement mein jaan hai.

Oh, yes. A really good baby............

A three-year old walks over to a pregnant lady while waiting with his mother in a doctor’s surgery.
“Why is your stomach so big?” – he asks.
“I´m having a baby.” – she replies.
“Is the baby in your stomach?” – he asks, with his big eyes.
“Yes, it is.” – she says.
“Is it a good baby?” – he asks, with a puzzled look.
“Oh, yes. A really good baby.” – the lady replies.
Shocked and surprised, he asks: “Then why did you eat him?”

Friday, 8 May 2015

भाभी जी आप चिंता न करिए मैं हूं न............

एक खूबसूरत औरत का बीमार पति मर गया और उसका दफन होने के दूसरे दिन पड़ोसी घर आया।
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धीरे से उस औरत से बोला-भाभी जी आप चिंता न करिए मैं हूं न।
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औरत-अब तो आपको ही मदद करनी होगी।
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आदमी की हिम्मत बढ़ी-भाभी जी क्या मैं उसकी जगह ले सकता हूं?
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औरत-ले तो सकते हैं, लेकिन कब्रिस्तान वालों से इजाजत ले लो कि वे जिंदा लोगों को दफनाते हैं कि नहीं! 
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मारवाड़ी ससुर ने शादी में दामाद को Chess Board गिफ्ट किया.
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दामाद: ये क्या?
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ससुर : तमन्ना थी, बेटी को शादी में हाथी, घोड़े, ऊंट, नौकर-चाकर दूं आज मेरी इच्छा पूरी हो गई !!!
ससुर रॉक
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दामाद शॉक...!!

सपनों का मतलब बताने वाला नहीं.............

रात में एक चोर घर में घुसा। कमरे का दरवाजा खोला तो देखा कि एक बूढ़ी औरत आंगन में सो रही थी। खटपट से उसकी आंख खुल गई। चोर ने घबरा कर देखा तो वह लेटे-लेटे बोली, ‘बेटा, तुम देखने से किसी अच्छे घर के लगते हो। लगता है किसी परेशानी से मजबूर होकर इस रास्ते पर आ गए हो। चलो कोई बात नहीं। अलमारी के तीसरे बक्से में एक तिजोरी है। उसका सारा माल तुम चुपचाप ले जाना। मगर पहले मेरे पास आकर बैठो। मैंने अभी-अभी एक ख्वाब देखा है। वह सुनकर जरा मुझे इसका मतलब तो बता दो।’ चोर उस बूढ़ी औरत की रहमदिली से बड़ा प्रभावित हुआ और चुपचाप उसके पास जाकर बैठ गया। बुढ़िया ने अपना सपना सुनाना शुरू किया, ‘बेटा मैंने देखा कि मैं एक रेगिस्तान में खो गई हूं। इतने में एक चील मेरे पास आई और तीन बार जोर-जोर से चिल्लाई... माजिद... माजिद... माजिद! बस फिर ख्वाब खत्म हो गया और मेरी आंख खुल गई। जरा बताओ तो इसका क्या मतलब हुआ?' चोर सोच में पड़ गया। इतने में पास वाले कमरे से बुढ़िया का नौजवान बेटा माजिद अपना नाम जोर-जोर से सुनकर उठ गया और बाहर आकर चोर की जमकर पिटाई कर दी। बुढ़िया बोली, ‘बस करो, अब यह अपने किए की सजा भुगत चुका है।’ चोर रोते हुए बोला, ‘नहीं-नहीं, मुझे और मारो, ताकि मुझे आगे भी याद रहे कि मैं चोर हूं, सपनों का मतलब बताने वाला नहीं!’

जय बोलो बेईमान की...


मन मैला, तन ऊजरा, भाषण लच्छेदार,
ऊपर सत्याचार है, भीतर भ्रष्टाचार।
झूठों के घर पंडित बांचें, कथा सत्य भगवान की,
जय बोलो बेईमान की!
प्रजातंत्र के पेड़ पर, कौआ करें किलोल,
टेप-रिकॉर्डर में भरे, चमगादड़ के बोल।
नित्य नई योजना बन रहीं, जन-जन के कल्याण की,
जय बोलो बेईमान की!
महंगाई ने कर दिए, राशन-कारड फेल
पंख लगाकर उड़ गए, चीनी-मिट्टी-तेल।
‘क्यू’ में धक्का मार, किवाड़ें बंद हुई दुकान की,
जय बोलो बेईमान की!
चैक कैश कर बैंक से, लाया ठेकेदार,
आज बनाया पुल नया, कल पड़ गई दरार।
बाकी झांकी कर लो काकी, फाइव ईयर प्लान की,
जय बोलो बेईमान की!
बेकारी औ’ भुखमरी, महंगाई घनघोर,
घिसे-पिटे ये शब्द हैं, बंद कीजिए शोर।
अभी जरूरत है जनता के त्याग और बलिदान की,
जय बोलो बेईमान की!
पर-उपकारी भावना, पेशकार से सीख,
दस रुपए के नोट में बदल गई तारीख।
खाल खिंच रही न्यायालय में, सत्य-धर्म-ईमान की,
जय बोलो बेईमान की!

ना जाने कितने बेटिकटों की आबरू बच गई..........

ट्रेन को पुलिस ने चारों तरफ से घेर रखा था क्योंकि बिना टिकट वालों की चेकिंग हो रही थी। इतने में मेवालाल जी ट्रेन से कूदे और लगे भागने। उनको भागता देख सभी पुलिस वाले और अधिकारी उनको पकड़ने दौड़े। देखते ही देखते मेवालाल जी के साथ कई लोग भागने लगे। चूंकि सभी पुलिस वालों और अधिकारियों का ध्यान मेवालाल जी की तरफ था, इसलिए दूसरों के ऊपर किसी का ध्यान नहीं गया। अंत में मेवालाल जी को पकड़ लिया गया लेकिन साथ दौड़ने वाले भाग निकले। फिर पुलिस वालों ने मेवालाल जी से टिकट दिखाने को कहा तो उन्होंने जेब से तुरंत टिकट निकाला और अधिकारी के हाथों में रख दिया। सभी हक्के-बक्के। अधिकारी ने चिल्लाकर पूछा, 'जब तेरे पास टिकट था तो भागा क्यों?' बड़ी मुश्किल से मेवालाल जी ने मुंह खोला और कहा, "हजारों सवालों से अच्छी है मेरी दौड़, ना जाने कितने बेटिकटों की आबरू बच गई!'