एक खरगोश रोज़ लौहार की दुकान पर जाकर कहता था: गाजर है।
लौहार इंकार कर देता।
एक दिन लौहार को गुस्सा आया और उसने खरगोश के दांत तोड़ दिए।
फिर
फिर क्या।
अगले दिन खरगोश फिर आया और बोला: गाजर का जूस है क्या।
लौहार इंकार कर देता।
एक दिन लौहार को गुस्सा आया और उसने खरगोश के दांत तोड़ दिए।
फिर
फिर क्या।
अगले दिन खरगोश फिर आया और बोला: गाजर का जूस है क्या।
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