Sunday, 8 March 2015

वाह वाह शायरी

वाह वाह शायरी

ख्वाइश ऐसी रखो की आसमा तक जा सको , दुआ ऐसी करो की खुदा को भी पा सको ।
यूँ तो जीने के लिए पल बोहत काम है , जियो ऐसे की हर पल मे जिंदगी पा सको ।

बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो, मंजिल को पाने की कसक रहने दो ।
आप चाहे रहो नज़रों से दूर , पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो । 

जो पल पल चलती रहे उसे जिंदगी कहते है , जो हर पल जलती रहे उसे रौशनी कहते है । 
जो पल पल खिलती रहे उसे मोहब्बत केहते है , जो साथ न छोडे उसे दोस्ती कहते है । 

उनकी एक याद बेचैन कर जाती है , हर चीज़ में उनकी सूरत नज़र आती हैं ।ऐसा हाल किया उन्होंने प्यार में हमारा के , नींद आती है तोह आँखें बुरा मान जाती है ।

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