Tuesday, 3 March 2015

एक पर्स चोर (दूसरे से): चलती...

एक पर्स चोर (दूसरे से): चलती...










एक पर्स चोर (दूसरे से): चलती बारात में मैंने तुम्हें दूल्हे की जेब पर हाथ साफ करने को कहा था, तुमने किया क्यों नहीं?
दूसरा चोर: मुझे उसकी सूरत देखकर दया आ गई।
बेचारा... दो-दो मुसीबतों को एक साथ कैसे संभालता।

No comments: