Wednesday, 4 March 2015

नहीं लगता है तो मैं हंसता हूं।................

एक घर से पति-पत्नी के हंसने की कुछ ज्यादा ही आवाजें आती रहती थीं। मोहल्ले के कई लोग एकत्र होकर उनके यहां खुशहाली का राज जानने पहुंचे।
 

 
मोहल्ले वालों की जिज्ञासा को शांत करते हुए पति बोला- बहुत सरल है, हमारे यहां मेरी बीबी बेलन, चिमटा आदि फेंककर मारती है। हम लट्ठमार होली खेलते हैं...!
...अगर मुझे लग जाता है तो वो हंसती और नहीं लगता है तो मैं हंसता हूं। 

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